हे प्रभु ! आनंद दाता !! ज्ञान हमको दीजिये

हे प्रभु आनंद दाता

हे प्रभु  आनंद दाता  ज्ञान हमको दीजिये |

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिये ||

लीजिये हमको शरण में हम सदाचारी बनें |

ब्रह्मचारी धर्मरक्षक वीर व्रतधारी बनें ||

निंदा किसीकी हम किसीसे भूल कर भी न करें |

ईर्ष्या कभी भी हम किसीसे भूल कर भी न करें ||

सत्य बोलें झूठ त्यागें मेल आपस में करें |

दिव्य जीवन हो हमारा यश तेरा गाया करें ||

जाये हमारी आयु हे प्रभु ! लोक के उपकार में |

हाथ ड़ालें हम कभी न भूलकर अपकार में ||

कीजिये हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा !

मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा ||

प्रेम से हम गुरुजनों की नित्य ही सेवा करें |

प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही सेवा करें ||

योगविद्या ब्रह्मविद्या हो अधिक प्यारी हमें |

ब्रह्मनिष्ठा प्राप्त करके सर्वहितकारी बनें ||

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