October 2021

पापांकुशा एकादशी – कुवार के अजोरिया/ आश्विन शुक्ल की एकादशी

पापांकुशा अर्थात पापों पर अंकुश रखने वाली एकादशी – हमें पापों से बचा करके सुन्दर समाज के निर्माण में सहायक होती है साथ ही हमारे पितरों को भी पवित्र कर देती है. यह एकादशी हमारे माता और पिता के साथ ही साथ पत्नी और मित्र के भी पूर्वजों को तार ‘देती है. इसीलिए अच्छे लोगों […]

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शैलपुत्री माँ की आराधना

शरदीय नवरात्रि के आरम्भ में विनय पत्रिका के पद से देवी आराधना जय जय जगजननि देवि सुर-नर-मुनि-असुर-सेवि, भुक्ति-मुक्ति-दायनी, भय-हरणि कालिका । मंगल-मुद-सिद्धि-सदनि, पर्वशर्वरीश-वदनि, ताप-तिमिर-तरुण-तरणि-किरणमालिका ॥ १ ॥ वर्म, वर्मचर्म कर कृपाण, शूल-शेल-धनुषबाण, धरणि, दलनि दानव-दल, रण-करालिका । पूतना-पिशाच-प्रेत-डाकिनी-शाकिनी-समेत, भूत-ग्रह-बेताल-खग-मृगालि-जालिका ॥ २ ॥ जय महेश-भामिनी, अनेक-रूप-नामिनी, समस्त-लोक-स्वामिनी, हिमशैल-बालिका । रघुपति-पद परम प्रेम, तुलसी यह अचल नेम,

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इन्दिरा एकादशी – पितर पक्ष की एकादशी

इन्दिरा एकादशी की कथा कृपया कथा के अन्त में 9 – 10 मिनट के यू ट्यूब को अवश्य ही देखिएगा आश्विन मास जिसे कुवार क महीना भी बोला जाता है उसके कृष्ण पक्ष में पितृ कार्य सम्पन्न करने के अतिशय महत्त्व होने से पूरे पक्ष को पितृ पक्ष कहा जाता है. पितरों को प्रसन्न करने

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