CRYPTOCURRENCY TO BE BANNED IN INDIA
About 10 crore Indians are going to loose as Crypto currency is going to be banned in India. Let us see what advise do we have for it. You tube below describes it.
About 10 crore Indians are going to loose as Crypto currency is going to be banned in India. Let us see what advise do we have for it. You tube below describes it.
हस्त रेखा प्रश्नावली Palmistry एक ही समय में जन्मे विभिन्न व्यक्तियों की कुण्डली तो एक ही होगी परन्तु सभी के भाग्य अलाग अलग होते हैं. ऐसे में आपको उनके अलग भाग्य का कारण उनके हस्त रेखा में मिलेगा. सभी की रेखाएं व् पर्वत अलग होते हैं. अतः हाथ देखने वाला यदि कोई मिल जाए तो
इस एकादशी को पद्मा, परिवर्तिनी, जयन्ती, एवं वामन एकादशी के नाम से जाना जाता है। कुछ जगह एसे कर्मा एकादशी भी कहते हैं। इसकी दो कथा मिलती है। इसमें दोनों को ही बताया गया है।
सगर्भा पत्नी से काम जनित सुख – गर्भवती स्त्री से छः महीने बाद विषय न करे। यह रोक बच्चे के दाँत निकालने तक लागू रहती है। (अत्रि स्मृति 163) जब तक पति व पत्नी एक शय्या पर सो रहे हैं तबतक दोनों ही अशुद्ध रहते हैं। यदि उनका संयोग न हुआ हो तो स्त्री के
राम जानकी और लखन जब वन को जा रहे थे तो उन्होंने गुरुदेव अर्थात गुरु वशिष्ट के ऊपर पूरी जिम्मेदारी सौंप दी थी। श्रीरामचरितमानसके अयोध्या कांड दोहा 79 के बाद इन चीजों का वर्णन है। लिखा है, दो0-सजि बन साजु समाजु सबु बनिता बंधु समेत।बंदि बिप्र गुर चरन प्रभु चले करि सबहि अचेत।।79।।निकसि बसिष्ठ द्वार
वन गमन के समय राम द्वारा राज्य की ज़िम्मेदारी सौपना Read More »
भारतीय हिन्दू परिवार में कुछ मूलभूत खासियत हैं। यहाँ संयुक्त परिवार को शोभा माना जाता है। संस्कारों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यहाँ यम के द्वारा हर व्यक्ति अनुशासित रहता है। यम के पाँच अंग हैं – सत्य , अहिंसा , अस्तेय , ब्रह्मचर्य तथा अपरिग्रह। नियमों के द्वारा समाज को सुंदर रूप से
सत्य नारायण जी की प्रचलित कथा श्री स्कन्दपुराण के रेवाखण्ड में दी गयी है। भविष्य पुराण में भी इनकी कथा दी गयी है। भविष्य पुराणके प्रतिसर्ग पर्व के द्वितीय खण्ड के अध्याय 24 से अध्याय 29 तक 6 अध्यायों में यह कथा है। भविष्य में मैं रेवाखण्ड वाली कथा को भी प्रकाशित करूंगा। दोनों ही
सत्य नारायण जी की कथा हिन्दी में – भविष्य पुराण के अनुसार Read More »
मोक्षा एकादशी का व्रत पितरों को अधम योनि से निकाल कर उनको तारने वाला है। इसमें तनिक भी संदेह नहीं हैं – भगवान् श्री कृष्ण के वचन यह व्रत चिंतामणि के सामान समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला है – भगवान् श्री कृष्ण के वचन इस व्रत के फल का श्रवण मात्र भी वाजपेय यग्य