It is a serene place with beautiful water fall if you go a day or two after it has rained. Very big water rubbed Rocks suggest that it would have taken million of years to get the shape. They may also scare people about a possibility of some Sunami like wave to come as very heavy boulders are scattered all over.
However people use the boulders as stepping stones and keep on wandering all around.
Some brave out to the stream the photo shows a lady who lost her balance in about 1 foot deep water and was pulled back by a chain formation of girls.
The place is used for cooking food on gohra, but a lot of monkeys keep on wandering nearby. But thanks god they are not furious. You may enjoy without bothering much about them.
It is said that Baba Siddhnath had spent years here. I may have to find about him and update it in my future visit. That time I will be giving a lot of details which might have slipped my notice this time. You may kindly keep on visiting my site where I shall be updating them.
This place is only 24 km from Chunar Fort at a place called Jaugarh.
1.6 km before this place is the Paramhans Ashram, where famous Swami Adgadanandji resides who became famous by his Yathaarth Gita.
A lovely place to visit.
In the way there is one more waterfall but with lesser water.
The stream here is called Jargo river.
चुनार से मात्र 24 किलोमीटर दूर एवं स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज, जी हाँ, यथार्थ गीता वाले स्वामीजी, के आश्रम से मात्र डेढ़ किलोमीटर दूर प्रकृति की मनोहारी छटा देखने हेतु इस झरना को जाने का प्लान बनाना अत्यंत बुद्धिमत्ता पूर्ण निर्णय होगा।
प्रकृति के साथ मिल कर बड़े भी मानो बच्चे बन जाते हैं एवं उनकी हरकतें कइयों के मन को मोह भी लेती हैं परन्तु बाबा सिद्धनाथ की इस तपःस्थली में विकार नहीं प्रवेश करता है।
यहां बड़ी बड़ी चट्टानों के बीच से कहीं कल कल करती बहती धारा तो कहीं चुपके से नीचे से निकल जाती धारा के बीच विभिन्न विचारधारा के व्यक्ति विश्रांति पाते हैं। शांत या गंभीर लोग चुपके से बहने वाली धारा के बीच में टापू से बने चट्टानों पर लेट कर फोटो खिंचा लेते हैं एवं अपने को दमदार समझने वाले धारा के वेग में भी खेलते हैं। ऐसी एक महिला 1 फिट गहरे पानी में ही बाह चली थीं। वहवतो उनकी बेटियों ने मानव श्रृंखला बना कर उन्हें बाहर खींचा था जो शायद तस्वीरों से स्पष्ट हो सके।
यहां बाइक का 20 रुपया एवं कर का 100 रुपया लगता है। पानी बिस्किट, दाना बिकता है।
लोकडौन का वहां कोई असर नहीं दिख रहा था क्योंकि एकलौता गॉर्ड लीगों को भ न जाएं ऐसे स्थानों से हटाने में व्यस्त था – सोशल डिस्टेनसिंग करवाने की तो कोई संभावना ही न थी। वहां के आस पास मैं अपनी अगली यात्रा पर और कवर करूंगा.
यहां बन्दर खूब हैं एवम बाटी चोखा भी खूब बनता है। परन्तु बन्दर ढीठ नहीं थे। वे चालाकी से आपके सामान को हर लेते हैं परन्तु दौड़ाने पर छोड़ भी देते हैं।
परन्तु सावधान! स्थान दौड़ने लायक नहीं है।
अवश्य गमनीय।
।।सीताराम।।
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