मोक्षा एकादशी का व्रत पितरों को अधम योनि से निकाल कर उनको तारने वाला है। इसमें तनिक भी संदेह नहीं हैं – भगवान् श्री कृष्ण के वचन यह व्रत चिंतामणि के सामान समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला है – भगवान् श्री कृष्ण के वचन इस व्रत के फल का श्रवण मात्र भी वाजपेय यग्य का फल देता है – भगवान् श्री कृष्ण के वचन ।।सीतारामजी।।
Through this video you can not only listen the samskrit version of the katha of Moksha Ekadashi, but also keep on watching the Sanskrit text and its meaning in Hindi as you listen the katha. This katha is very good which even by listening only fetches enormous fruits.