Puri जगन्नाथ पुरी

कोरोना की सीख अनादि काल से दी जा रही है।

पूरी के जगन्नाथ को कलियुग के साक्षात देवता माना जाता है। हो भी क्यों न ! कलियुग आने का पहले इन्हीं का ही तो युग था। प्रभु ने सोचा होगा कि आने वाली पीढ़ियाँ मेरा एवं मेरे लोगों का अनुसरण करेंगी अतः उन्होंने बीमार होने का नियम बनाया एवं प्रत्येक वर्ष वे 21 दिनों के लिए अपने को quarantine करते हैं। भगवान और बीमारी! ऐसा हो सकता है क्या? वे केवल हमें बताने के लिए कि बीमार होना तो किसी से न मिलना; केवल तरल काढ़ा इत्यादि ले कर रहना; एवं विश्राम करना; यह सब करते हैं। आज कोविद या करोना के चलते हमें डॉक्टर सीखा रहे हैं। छू कर आशीर्वाद न देना एवं दूर से छड़ी से आशीर्वाद देने कि परंपरा भी उन्होंने दूरी बना कर रहने के लिए बनाया होगा जिसे आज हम social Distancing नाम से पुकार रहे हैं। कोई भी छुआछूत के विचारों से ग्रस्त न हो इसके लिये मंदिर में लगने वाले भोग के लिये भी वैसे ही नियम को उन्होंने प्रशस्त होने दिया होगा। इसे प्रभु कहते हैं जो कितने आगे कि सोचते हैं। बोलिए श्री जगन्नाथ स्वामीजी कि जय। ॥ जय जय श्री सीताराम॥

5 thoughts on “Puri जगन्नाथ पुरी”

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