Nagarhole National Park
https://en.wikipedia.org/wiki/Nagarhole_National_Park
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। जल पीते हुये भी इस व्रत को कैसे पूर्ण कर लें कि हमें निर्जला व्रत रहने का फल मिले, इसे जानने के लिए इस कथा को जरूर सुनें। आप पा सकते हैं 58 लाख 24 हजार किलो सोना दान करने का फल – इस एकादशी
सूर्य पुत्र शनि देव की जय हो। जय हो। जय हो। शनि देव कि आँखों वाली प्रतिमा या फोटो से दूर रहें – मेरी आप सभी भक्तों से निवेदन है कि शनि देव कि किसी भी ऐसी फोटो को न देखें, न रखें, न ही फॉरवर्ड करें, न ही शेयर करें, जिसमें उनकी आँखें खुली
सगर्भा पत्नी से काम जनित सुख – गर्भवती स्त्री से छः महीने बाद विषय न करे। यह रोक बच्चे के दाँत निकालने तक लागू रहती है। (अत्रि स्मृति 163) जब तक पति व पत्नी एक शय्या पर सो रहे हैं तबतक दोनों ही अशुद्ध रहते हैं। यदि उनका संयोग न हुआ हो तो स्त्री के
राम जानकी और लखन जब वन को जा रहे थे तो उन्होंने गुरुदेव अर्थात गुरु वशिष्ट के ऊपर पूरी जिम्मेदारी सौंप दी थी। श्रीरामचरितमानसके अयोध्या कांड दोहा 79 के बाद इन चीजों का वर्णन है। लिखा है, दो0-सजि बन साजु समाजु सबु बनिता बंधु समेत।बंदि बिप्र गुर चरन प्रभु चले करि सबहि अचेत।।79।।निकसि बसिष्ठ द्वार
वन गमन के समय राम द्वारा राज्य की ज़िम्मेदारी सौपना Read More »
भारतीय हिन्दू परिवार में कुछ मूलभूत खासियत हैं। यहाँ संयुक्त परिवार को शोभा माना जाता है। संस्कारों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यहाँ यम के द्वारा हर व्यक्ति अनुशासित रहता है। यम के पाँच अंग हैं – सत्य , अहिंसा , अस्तेय , ब्रह्मचर्य तथा अपरिग्रह। नियमों के द्वारा समाज को सुंदर रूप से
सत्यवान और सावित्री की कहानी भारत का बच्चा – बच्चा जानता है। सुहागिन स्त्रियाँ इन्हीं की याद में यह व्रत करती हैं। आइये प्रकृति से जुड़े इस कथा का आस्वादन करें। ॥ सीताराम ॥
ज्येष्ठ कृष्ण की एकादशी का नआम अपरा है। यह अपरंपार फलों को देने वाली है। इसके पूज्य त्रिविक्रम या वामन अवतार हैं। आइये साढ़े छः मिनट में जानें इस व्रत के अनोखे लाभ।। सीताराम।।