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वसंत पंचमी हिंदुओं का पावन पर्व है। इस समय धरती उल्लसित हो उठती है एवं शीत ऋतु के प्रस्थान की सूचना देने वाले इस पर्व में हमें जीने की नयी उमंग प्राप्त हो जाती है।
इस वीडियो की माध्यम से आप न सिर प्रकृति के नैसर्गिक आनन्द को ले सकेंगे जिसमें न केवल फूलों की घाटी के नजारे होंगे, वहाँ पाये जाने वाले ब्रह्म कमाल के दर्शन होंगे अपितु अपने राष्ट्रपति भवन के बगिया, ‘मुग़ल गार्डेन’ व काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के फूलों की झांकी के साथ आप अपने खेतों में लहलाहाते सरसों के पीले फूलों के दर्शन भी कर सकेंगे।
इस वीडियो के माध्यम से आप जान सकेंगे –
- माता सरस्वती के विषय में
- अपनी वाणी को मीठा बनाने के उपाय को
- हिंदुओं के Valentine Day के विषय में जिसे ऋषियों ने रति-काम-महोत्सव का नाम दिया
- क्या कभी धर्म में भी पढ़ाई करना मना होता है? संस्कृत के विद्यार्थियों का प्रतिपदा एवं अष्टमी को अनाध्याय होता है परंतु वह अन्य विद्यार्थियों के Sunday की छुट्टी की ही भांति होता है। परंतु आज के दिन किसी को भी पढ़ने की पूर्ण मनाही होती है।
- माता सरस्वती को प्रसन्न करने वाले स्त्रोत के स्रोत का (वह मेरे अगले यू ट्यूबे में है)
- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में जो 26 जनवरी के समारोह से कम नहीं होता है
- पाकिस्तान में कैसे और क्यों यह बसंत उत्सव मनाया जाता है
इस प्रसंग में मैंने अपने संतान को बुद्धिमान बनाने के विषय में चर्चा किया है। जिन्हें बच्चों के भविष्य को लेकर गंभीरता है उनको उनके विकास के विभिन्न उपाय सोचने चाहिए। आखिर कार हम कमाने के लिए सोचते हैं तो वे भी तो अपनी कमाई ही हैं न। वे बन गए तो आपका जीवन सफल हो गया।
मैंने अपनी पुस्तक मोक्षदायिनी काशी में इस विषय में कुछ राय दिया है – जो मेरे समझ से अति उपयोगी है। प्रकीर्णक 3 है “संस्कारवान् ओजस्वी संतान पाने का उपाय“
यदि आप उस पुस्तक को घर बैठे मंगाना चाहते हैं तो नीचे दिये गए लिंक के माध्यम से पेमेंट करके बिना कोई डाक व्यय अलग से दिये हुये ही सम्पूर्ण भारतवर्ष में कहीं भी मांगा सकते हैं।
Order Now मोक्षदायिनी काशी (246 पृष्ठ व 2 नक्शों से युक्त काशी नगरी की पचकोसी यात्रा की प्रधानता पर पर लिखी गयी पुस्तक)