प्रभु की यह प्राचीनतम मूर्ति है। भगवान श्री कृष्ण की इस मूर्ति को भगवान राम ने स्वयं अपने हाथों से बनाया था एवं जानकी मइया इनकी पूजा स्वयं अपने कर कमलों से वर्षों तक करती रहीं। कथा सुनते हुये आप प्रभु का दर्शन भी कर सकेंगे।
विशेष बात यह है कि यह चित्रकूट में कामद गिरि के पत्थर से बनाये गए थे जिसमें प्रभुजी ने वह सब चित्रण कर दिया कि वे कृष्णावतार में क्या क्या करेंगे।
मैंने इनकी कथा को मलूकपीठाधीश्वर श्री राजेन्द्र दास गुरुजी के श्री मुख के वचनों को आप तक पहुंचाने का प्रयास किया है जिससे संतों के वचन भी सुनने को मिल जाएँ एवं विश्वास बढ़ जाये।
इसको जरूर सुनें क्योंकि इसमें दो भक्तों एवं प्रभु के प्रेम लीला का यथार्थ वर्णन है।
॥सीताराम॥
Khirachora Gopinatha Temple is in Remuna, Odisha, India. It is a little town 9 km west of Balasore railway station, about halfway between Howrah and Bhubaneswar in Odisha.
“Khirachora” in Odia means Stealer of Milk and Gopinatha means the Divine Consort of Gopis.
Lord Gopinatha is flanked by Sri Govinda and Sri Madana Mohana.
It is said that Sri Rama carved Gopinatha with His arrow and that Sita worshiped this deity in Chitrakuta. During vanavasa to show the next avatara vigraha to Sita.
King Langula Narasingha Deva, the king of Utkala, brought this deity to Remuna in the 13th century from Chitrakuta.