कामिका एकादशी श्रावण कृष्ण पक्ष

ब्रह्मवैवर्त पुराण में यह कथा आती है। इस एकादशी में तुलसी का महात्म्य स्वयं ब्रहमाजी ने नारदजी को सुनाया था जिसे श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिरजी को दोहराया। पिटरों को सुखी करने का इसमें बड़ा ही सरल उपाय बताया गया है। इसके सुनने मात्र से बहुत फल मिलता है।

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