कलियुग में समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु शंकरजी को देवी (संभवतः पार्वतीजी ने ) इन सात मन्त्रों का ज्ञान दिया. वस्तुतः उनको क्या नहीं मालूम रहा होगा परन्तु अपने यहाँ दुसरे को बड़ाई देने के लिए भी ऐसे प्रश्न पूछने की परम्परा रही है. ये सात मन्त्र व्यक्ति को पूर्ण पाठ का फल देने में सक्षम हैं, परन्तु सामर्त्थ्यवान को पूरा पाठ करना चाहिए.
This is the brief form of the big Durga Saptsati, the main body of which is spread out in 700 shlokas. For those who are not able to do the same on their own these 7 mantras are boon. It is said that done along with SiddhKunjika Stotrama one may expect to get the full benefits of complete Durga Path.