श्रीदुर्गासप्तशती का प्रथम अध्याय ही उनका प्रथम चरित्र है। इस चरित्र को शक्ति की अधिष्ठात्री देवी माँ काली के प्रीत्यर्थ किया जाता है।
This is read to make Goddess Kali happy.
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