टीका के बाद क्या हम कोरोना से सुरक्षित हैं?
इस विषय को जानने के लिए हम World Health Organisation, WHO के Dr. Katherine O’ Brien के विचारों के हिन्दी अनुवाद को सुनने जा रहे हैं। वह वीडियो 5 मिनट से भी कम समय का है वहाँऊपर ही दिया चुका है। वहाँ पर उन्हें Dr. Kate या केवल केट के रूप में संबोधित किया गया है।
मेरे बनाए गए नीचे के विडियो में आप जो कुछ सुनने जा रहे हैं लगभग वह सब नीचे लिखा जा रहा है।
प्र. टीकाकरण के कितने समय बाद व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है ?
उ. टीका के प्रथम खुराक लेने के लगभग 2 सप्ताह बाद व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने लगती है जो दूसरे खुराक को लेने के बाद तीव्र गति से बढ़ती है।
प्र. टीकाकरण के कितने समय बाद तक व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्थायित्त्व बना रहता है?
उ. टीका का प्रभाव कितने काल तक रहेगा अभी यह पता नहीं है। कालांतर में यह पता लगेगा।
प्र. क्या टीका लगवाने के बाद भी COVID 19 (करोना) हो सकता है?
उ. इसको विश्वास पूर्वक अभी नहीं बताया जा सकता है।
ध्यान दीजिएगा यह मैं नहीं कह रहा हूँ यह आप WHO के वीडियो में खुद ही सुनिएगा फिलहाल वहाँ क्या बोला गया है उसे मैं यहाँ पर उन्हीं के शब्दों में दोहरा रहा हूँ।
What we don’t know yet from the clinical trials is whether or not the vaccines also protect people from just getting infected with the SARS-CoV-2 virus and whether or not it protects against transmitting to somebody else. So, this is a really important part of our understanding about what these vaccines do. Do they only protect against disease or do they also protect against getting infected and being able to transmit to somebody else, even if you’re not having any symptoms?
प्र. क्या टीका लगवाने के बाद भी टीका को लगवाने वाले से COVID 19 या (करोना) का संक्रमण हो सकता है अर्थात क्या वह अपने तो स्वस्थ रह सकता है परंतु महामारी को फैलाने वाला हो सकता है?
उ. इसका उत्तर अभी नहीं दिया जा सकता है।
प्र. हमें कब तक पूर्ण सुरक्षा मिल जाएगी?
उ. इसका उत्तर अभी नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि पहले तो हमारे पास इतनी वैक्सीन ही नहीं है कि सबको सुरक्षित किया जा सके। फिर इस टीके को बच्चों को लगाना सुरक्षित है या नहीं यह निर्णय न हो सकने के कारण वे असुरक्षित ही रहने जा रहे हैं।
अब मैं अपनी बात कहने जा रहा हूँ। कृपया इसको WHO कि वार्ता से अलग समझिएगा।
यह टीका जब बच्चों को लग ही नहीं सकता है तो आप ही सोचिए कि कौन ऐसा परिवार होगा जो अपने को सुरक्षित रखने के लिए अपने को अपने बच्चों से दूर रख पाएगा। बच्चे ही तो सबसे ज्यादा खतरे में होते हैं क्योंकि वे सोशल डिसटेंसिंग का पालन कर हि नहीं सकते हैं। मिल जुल के रहना तो उनका सहज स्वाभाव है – उनको दूरी बना कर रहने के लिए विवश करना उनके बचपन पर अत्याचार करने के समान है।
और बच्चों को कुछ हो और माँ देखती रहेगी कि चलो हम तो सुरक्षित हैं!! ऐसा कैसे संभव है क्या?
सीने से लगा कर माता अपने बच्चे के आधे से ज्यादा दुख – दर्द को सहज में ही सोख लेती हैं। क्या वे बच्चे को तड़पते देख कर उनसे दूर रह पाएँगी।
इसके अलावा इस टीका को उन माताओं को भी नहीं दिया जा सकता है जो मातृ सुख को प्राप्त करने वाली हैं।
या जो उस सुख को पा करके अपने बच्चों को दूध पिला रही हैं।
जिनको करोना हो चुका है वे भी टीकाकृत नहीं किए जा सकते हैं।
तो क्या हम लोग अब जीवन भर मास्क, दो गज की दूरी एवं भीड़ से दूर रहने को ही मजबूर हैं?
नहीं
हमें सुरक्षा के इन नियमों का पालन तो करना ही चाहिए। वे Good Habits या अच्छी आदतें कहलायेंगी।
किसी ने हल्के फुल्के लहजे में कह दिया कि,
‘समाज को मर्यादित करने के प्रयास में भगवान ने AIDS नाम का अंशावतार लिया‘
परंतु मौत तक को गले से लगाने वाले मनुष्य ने उसमें भी रास्ता निकाल लिया ।
‘वह सुरक्षित संबंध के नाम पर मानवता को शर्मसार करता रहा’
‘तब नाकाम प्रभु ने COVID का सहारा ले हमें पटरी पर ला दिया’।।
अब हम लोग अच्छे बच्चों की तरह दूर रहना सीख लिए हैं। जीवन भर अच्छे से रहने को विवश हो गए हैं। Now we have become good boy!
हाँ आयुर्वेदाचार्य व योग गुरु रामदेव जी ने हमें ऐसी औषधि का वरदान अवश्य दिया है जिससे हम इन्द्र की तरह सुख भोगते हुये पूर्ण जीवनको जी सकते हैं – कम से कम करोना से तो बच ही सकते हैं।
उनकी दवा – त्रयी इम्यूनिती बूस्टर हैं एवं जीवन के विभिन्न रोगों से हमें बचाने में सक्षम हैं।
बाबा रामदेव के 3 राम बाण हैं :
- कोरोनिल वटी
- स्वासारि वटी
- अणु तेल
इनके करोना के टीके व दवाई दोनों ही रूप में प्रयोग की दुहाई बाबा रामदेवजी दो बार दे चुके हैं, पर हम हैं कि मानते नहीं! सुना है कि लगभग 158 देशों में उसको मंगाया जा रहा है। यदि आपने उस प्रसारण को नहीं देखा था तो आज उस वीडियो को आप यहीं पर अवश्य ही देखें। वीडियो में पीछे लगे बैनर में आप देख सकेंगे कि उनकी दवा CoPP, WHO एवं GMP द्वारा प्रमाणित है।
परंतु आश्चर्य कि बात है कि अपने ही देश में वह प्रतिष्ठा नहीं पा रहे हैं। परंतु आश्चर्य कि बात है कि अपने ही देश में वह प्रतिष्ठा नहीं पा रहे हैं। हमारी दवाईयाँ व उनके निर्माता पाने योग्य स्वागत नहीं पा रहे हैं।
हमारे अपने लोग ही राजनीति व अज्ञानता के चलते अपने देश को सम्मानित करने वाले दोनों ही सफलताओं को सफलता मानने के लिए तैयार ही नहीं हैं। vaccine को मोदी जी वाली vaccine कह कर हम मुफ्त में मिलने वाले सौगात को नकार रहे हैं – शायद ऐसी सुविधा दुनिया में कहीं न हो कि सरकारी अस्पताल में मुफ्त में एवं प्राइवेट अस्पताल में मात्र 250 रुपए में इतनी अमूल्य निधि प्राप्त हो।
उसी तरह से आयुर्वेद के इलाज को लगभग 500 रुपए मासिक में अपनाने के बजाय खुद कई डॉक्टर ही उसके खिलाफ लामबंध होते हुए दिखे थे।
आइये अपने स्वदेशी उपलब्धियों पर गर्व करें एवं आयुर्वेद के शरण में रहते हुये अपने बारी आने पर करोना के टीका को भी ले लें। यदि भीड़ वाली जगहों पर जाना मजबूरी हो तो विटामिन सी की टिकिया दो बार ले लिया करें। जन औषधि केन्द्रों पर ज़िंक युक्त विटामिन सी बहुत ही सस्ते मूल्य पर मिलता है जो दिमाग को भी लाभ देता है।
आज हम दुनिया के सबसे ज्यादा गौरवान्वित लोगों में से एक हैं। हमारे पास एक नहीं दो दो टीके एवं आयुर्वेद की दवा सब कुछ उपलब्ध है – वह भी कितने कम दर पर। आज कितने लोग सोचते होंगे कि काश उन्होंने भी भारत में जन्म लिया होता।
“अनोखा निराला हमारा वतन है, हमें दिल से प्यारा हमारा वतन है”
जय हिन्द।
॥ सीताराम॥
Frequently asked Questions
- Is it necessary to get vaccinated? क्या कोरोना के टीके को लगवाना जरूरी है? No it is not essential, but advisable. इसे लगवाना स्वैच्छिक है परंतु उचित यही है कि इसे लगवा लिया जाये।
- When was the covid vaccination programme launched in India?भारत में पहला टीका कब लगा? It was launched on 16th Jan, 2021. मकरसंक्रांति के बाद 16 जनवरी 2021 के शुभ मुहूर्त में पहला टीका लगाया गया।
- Is COVID vaccine free of cost in India? भारत वर्ष में करोना के टीके का मूल्य क्या है? The central government earlier announced that the government hospitals will carry out the vaccination drive at no cost, whereas private hospitals can levy up to ₹250 per person per dose. भारत सरकार के द्वारा यह निर्दिष्ट है कि सभी सरकारी अस्पतालों में यह मुफ्त लगेगा। प्राइवेट अस्पताल अधिकतम रुपया 250 प्रति खुराक तक ले सकते हैं।
- Can the virus be trasmitted via feaces and urine also? क्या करोना का संक्रामण मल व मूत्र से भी फैल सकता है? Although it is possible but so far it has not been reported. But while we are observing social distancing why not to follow the hygine rules. अभी तक ऐसा कोई रिपोर्ट नहीं प्रकाशित हुआ है परंतु सफाई से रहने में क्या हर्ज है?
- Do we have to wear a mask after getting vaccinated? क्या टीकाकरण के बाद भी हमें मास्क पहनना अनिवार्य होगा? Yes. as explained in the video above. Also vaccinated people may still carry enough virus in the nose to infect others. So if a vaccinated person breathes or sneezes they could still infect someone else, even if they feel fine. This means vaccinated people still have to wear masks and socially distance, even if their individual risk is much lower. जी हाँ। अब हमें मास्क व दो गज की दूरी का पालन निरंतन करना आवश्यक हो चुका है। यदि तत्काल में वह हमारे लिए मास्क पहनना उतना जरूरी न भी हो तो भी दूसरों के सुरक्षा के लिए हमें उसे पहनना आवश्यक है क्योंकि हम टीकाकरण के बावजूद तमाम सारे करोना के कीटाणुओं के संवाहक हो सकते हैं।
- What is the incubation period of Corona Virus? Why is the quarantine period decided to be of 14 days? कोरोना के संक्रमण के कितने दिनों के बाद बीमारी के लक्षण प्रकट होते हैं? The incubation period of COVID-19, which is the time between exposure to the virus and symptom onset, is on average 5-6 days, but can be as long as 14 days. Thus, quarantine should be in place for 14 days from the last exposure to a confirmed case. संक्रामण के लगभग 5 या 6 दिनों में ही बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं परंतु अधिकतम 14 दिन भी लग सकते हैं इसीलिए 14 दिन के संगरोध अलग रहने की प्रक्रिया अपनाई गयी है।
अति सुंदरता के साथ आप ने इस विषय को प्रतुत किया है