Tinospora cordifolia, which is known by the common names heart-leaved moonseed, guduchi, and giloy, is an herbaceous vine of the family Menispermaceae indigenous to tropical regions of the Indian subcontinent.
Tinospora contains diverse phytochemicals, including alkaloids, phytosterols, glycosides, and mixed other chemical compounds.
It helps increase immunity, Baba Ramdevji has highlighted it appropriately for Corona. It increases hemoglobin in blood. It helps us in anti-ageing. For detailed content please go to Hindi section. It is believed that the medicinal value of those increases highly which climb on Neem tree.
गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं, संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है
कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई
*इसका वानस्पिक नाम टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया है इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती! इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं!
आइए जानते हैं गिलोय के फायदे
गिलोय बढ़ाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है! इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं! यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है! लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है! ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं!
ठीक करती है बुखार
अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है! इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है,डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है!
डायबिटीज के रोगियों के लिए
गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है!
पाचन शक्ति बढ़ाती है
यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है! इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है !
कम करती है स्ट्रेस
गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है!
अस्थमा में
मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है ! ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए, इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा !
गठिया में
गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है ,गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है!
अगर हो गया हो एनीमिया
एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त को हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है ! गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है!
पेट की चर्बी
गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है ! ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है !
यौनेच्छा बढ़ाती है गिलोय
आप बगैर किसी दवा के यौनेच्छा बढ़ाना चाहते हैं तो गिलोय का सेवन कर सकते हैं! गिलोय में यौनेच्छा बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं, जिससे यौन संबंध बेहतर होते हैं !
खूबसूरती बढ़ाती है गिलोय
गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है….
जवां रखती है गिलोय
गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं ! इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है ! अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं, अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें ! गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं ! ठंडा करके घाव पर लगाएं, इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है !
बालों की समस्या भी होगी दूर
अगर आप बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी !
गिलोय का प्रयोग ऐसे करें:
गिलोय जूस
गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें! छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं
काढ़ा
चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें ! इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें ! पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं ! अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं !
गिलोय वटी
बाजार में गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स भी आती हैं,अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें !
अलग-अलग बीमारियों में:
अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है! इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है !चीनी के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं,आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं !
साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान
वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है! इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए !
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए।पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय न दे !!
Very informative.
Thank you